द्वारका (नई दिल्ली ) के वरिष्ठ नागरिकों की संस्था ' सुख दुःख के साथी ' की ओर से 28 अप्रैल को दिल्ली अपार्टमेंट्स (सेक्टर-22) के सभागार में काव्य-संध्या का आयोजन किया गया.इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक लव ने की. मुख्य-अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ हरीश नवल थे. काव्य-संध्या का आयोजन ओर संचालन कवि प्रेम बिहारी मिश्र ने किया था.
डॉ अशोक लव ने दीप प्रज्वलित किया.
प्रेम बिहारी मिश्र ने इस प्रथम प्रयास के विषय में बताया.उन्होंने कहा कि श्री अशोक लव से मिलने के पश्चात हमें बहुत प्रोत्साहन मिला. उनके मार्गदर्शन से यह आयोजन किया जा सका है. संस्था के समस्त सदस्यों ने हमारे इस कार्य के लिए भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया था. हमार सौभाग्य है कि हमारे बीच इतने वरिष्ठ साहित्यकार आए हैं.
श्री प्रेम बिहारी मिश्र की सरस्वती-वंदना से काव्य -संध्या का शुभारंभ हुआ.
डॉ हरीश नवल, डॉ अशोक लव ,सुधा सिन्हा,अशोक वर्मा,डॉ स्नेह सुधा नवल,प्रेम बिहारी मिश्र, आशा शैली.शबाना नज़ीर, कर्नल जी.सी. चौधरी,अशोक शर्मा,अनिल उपाध्याय,वीरेन्द्र कुमार ,डॉ प्रबोध कुमार,ध्रुव कुमार गुप्ता,शबाना नज़ीर ने कविता-पाठ किया. समारोह लगभग चार घंटे तक चला.
डॉ अशोक लव ने ' चलो सब भूल जाएँ ',' माँ और कविता ' तथा ' प्रवासी पुत्र-पुत्रियाँ ' कविताएँ सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. उनकी कविता 'प्रवासी पुत्र-पुत्रियाँ ' को श्रोताओं ने खूब सराहा.इसे सुनकर अनेक लोगों की आँखें नम हो गईं. अशोक वर्मा और शबाना नज़ीर की ग़ज़लों ने खूब रंग जमाया. डॉ स्नेह सुधा नवल की छोटी-छोटी कविताएँ--सीमा,यशोधरा,गौतम,स्त्री-पुरुष और वसंत तुम कहाँ हो अत्यंत प्रभावशाली थीं. प्रेम बिहारी मिश्र की कविता ' यह कैसी स्वर लहरी आई ' को सबने खूब पसंद किया. डॉ हरीश नवल की माँ संबंधी कविता को श्रोताओं ने तालियाँ बजाकर सराहा.उन्होंने पढ़ी गई कविताओं पर अपनी समीक्षात्मक टिप्पणियाँ भी कीं. डॉ अशोक लव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि वे इस संस्था के साथ जुडकर उन्हें बहुत अच्छा लगा है. द्वारका में अब इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिएँ.श्री प्रेम बिहारी मिश्र जी ने श्रेष्ठ कार्य का शुभारंभ किया है. हम आप सबके साथ हैं.
संस्था के अध्यक्ष श्री विजय शंकर ने कहा कि हम भविष्य में भी इसी प्रकार के आयोजन करते रहेंगे. उन्होंने अध्यक्ष, मुख्य-अतिथि, कवियों,श्रोताओं और श्री प्रेम बिहारी मिश्र का धन्यवाद किया.