Wednesday, December 18, 2013

Dr Ashok Lav and other poets at Old Age Home

 Lioness Club Dwarka, organised a Poets-Meet at Old Age Home,Bindapur ,Dwarka,New Delhi on 18th December2013.
Dr Ashok Lav presided and Ashok Verma conducted the poets-meet. Anil Upadhyay, RK Mohan, Dr Prabodh Sagar, PB Mishra, recited their poems.
Mrs Vinita Chhabra and Bela Agarwal thanks poets and Old Age Home manager Mrs Vimla Chaudhry.

Monday, December 16, 2013

Prem Bihari Mishra's Birthday Celebrated

दिनेश चन्द माथुर
15 दिसम्बर 2013 को ‘सुख दुःख के साथी’ संस्था के सदस्यों के सानिध्य में द्वारका के जाने माने समाज सेवी और कवि श्री प्रेम बिहारी मिश्र का जन्मदिन हर्षौल्लास के साथ मनाया गया| इस अवसर पर श्री वीरेन्दर कुमार मन्सोत्रा, श्री विजय सलूजा एवं कर्नल जिले सिंह ने स्वरचित कविताओं के माध्यम से श्री मिश्र को जन्मदिन की शुभ कामनाएं प्रेषित कीं| श्री अनिल उपाध्याय ने उनके संघर्ष पूर्ण जीवन की ओर इंगित करते हुए बहुत भावपूर्ण और सारगर्भित कविता पाठ किया| वरिष्ठ साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अशोक लव ने ‘सुख दुःख के साथी’ संस्था की सामाजिक गतिविधिओं की प्रशंसा करते हुए संस्था के कार्यकलापों में अपना यथासम्भव योगदान देने की इच्छा प्रकट की तथा संस्था के कार्यकलापों एवं श्री मिश्र की प्रतिभा की प्रभावशाली शब्दों में विवेचना की| श्री एच. सी. माथुर ने अपना शुभ कामना संदेश पढ़ा तथा आमन्त्रित अतिथि, द्वारका फोरम के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार ने श्री मिश्र को शुभ कामना के साथ ‘सुख दुःख के साथी’ संस्था द्वारा की जा रही सामाजिक सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बुजुर्गों की यह संस्था उनके लिए प्रेरणा का श्रोत है तथा उनकी संस्था ‘द्वारका फोरम’ हमेशा इस संस्था के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने की इच्छुक रहेगी| 
श्री मिश्र ने  स्वरचित कविता द्वारा सभी उपस्थित व्यक्तियों का आभार प्रकट किया|
गद्गद हृदय आज है मेरा, देख आपका इतना प्यार
मुझको बचपन याद दिलाता, ये भाव भरा व्यवहार
मेरी साँसों में निर्मित होता, अब एक नया संसार
दिन दूना और रात चौगुना,यूँ ही बढ़ेगा अपना प्यार
आज आपने इन पुष्पों में,गूँथ दिए है कितने सपने
जैसे खुद घर आन मिलें, सदियों से बिछड़े अपने
आप सबने प्रियवर मुझको, इतना ऊँचा उठा दिया
एक ज़र्रे को जैसे पल में, आसमां पर बिठा दिया
आस्मान में चंदा सूरज, और जगमग करते तारे
इसी प्यार की लालसा में,इस धरती को ओर निहारें
शब्द नहीं हैं पास मेरे, कैसे प्रकट करूँ आभार
जीवनभर ना भूल सकूंगा, किया आपने जो सत्कार

Saturday, December 14, 2013

Tuesday, December 10, 2013

Ashok Lav's Laghukatha ' Chamelee Kee Chaay' on Radio Dwarka:

' रेडियो द्वारका ' से छह दिसंबर 2013 को वरिष्ठ साहित्यकार अशोक लव की लघुकथा 'चमेली की चाय ' का प्रसारण हुआ. यह अशोक लव के लघुकथा-संग्रह ; सलाम दिल्ली' में संकलित है.इसका वाचन विशाल गुप्ता ने किया. इसे निम्न लिंक पर जाकर सुना जा सकता है. 
http://radiodwarka.com/entertainment/chameli-ki-chai-a-story-by-dr-ashok-la/1711