दिनेश चन्द माथुर
15 दिसम्बर 2013 को ‘सुख दुःख के साथी’ संस्था के सदस्यों के सानिध्य में
द्वारका के जाने माने समाज सेवी और कवि श्री प्रेम बिहारी मिश्र का जन्मदिन
हर्षौल्लास के साथ मनाया गया| इस अवसर पर श्री वीरेन्दर कुमार मन्सोत्रा,
श्री विजय सलूजा एवं कर्नल जिले सिंह ने स्वरचित कविताओं के माध्यम से श्री
मिश्र को जन्मदिन की शुभ कामनाएं प्रेषित कीं| श्री अनिल उपाध्याय ने उनके
संघर्ष पूर्ण जीवन की ओर इंगित करते हुए बहुत भावपूर्ण और सारगर्भित कविता
पाठ किया| वरिष्ठ साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अशोक लव ने ‘सुख
दुःख के साथी’ संस्था की सामाजिक गतिविधिओं की प्रशंसा करते हुए संस्था के
कार्यकलापों में अपना यथासम्भव योगदान देने की इच्छा प्रकट की तथा संस्था
के कार्यकलापों एवं श्री मिश्र की प्रतिभा की प्रभावशाली शब्दों में
विवेचना की| श्री एच. सी. माथुर ने अपना शुभ कामना संदेश पढ़ा तथा
आमन्त्रित अतिथि, द्वारका फोरम के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार ने श्री मिश्र
को शुभ कामना के साथ ‘सुख दुःख के साथी’ संस्था द्वारा की जा रही सामाजिक
सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बुजुर्गों की यह संस्था उनके
लिए प्रेरणा का श्रोत है तथा उनकी संस्था ‘द्वारका फोरम’ हमेशा इस संस्था
के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने की इच्छुक रहेगी|
श्री मिश्र ने स्वरचित कविता द्वारा सभी उपस्थित व्यक्तियों का आभार प्रकट किया|
गद्गद हृदय आज है मेरा, देख आपका इतना प्यार
मुझको बचपन याद दिलाता, ये भाव भरा व्यवहार मेरी साँसों में निर्मित होता, अब एक नया संसार
दिन दूना और रात चौगुना,यूँ ही बढ़ेगा अपना प्यार
आज आपने इन पुष्पों में,गूँथ दिए है कितने सपने
जैसे खुद घर आन मिलें, सदियों से बिछड़े अपने
आप सबने प्रियवर मुझको, इतना ऊँचा उठा दिया
एक ज़र्रे को जैसे पल में, आसमां पर बिठा दिया
आस्मान में चंदा सूरज, और जगमग करते तारे
इसी प्यार की लालसा में,इस धरती को ओर निहारें
शब्द नहीं हैं पास मेरे, कैसे प्रकट करूँ आभार
जीवनभर ना भूल सकूंगा, किया आपने जो सत्कार