राष्ट्रीय ला विश्व विद्यालय द्वारका(दिल्ली) के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने चार नाटकों का मंचन किया | इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती गीता मित्तल मुख्य अतिथि थीं. इस अवसर पर शिक्षाविद् , लेखक एवं कवि श्री अशोक लव,जिन्हें साठ सम्मान प्राप्त हुए हैं तथा दिल्ली के कवि श्री प्रेम बिहारी मिश्र को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था.विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. रणवीर सिंह ने विद्यार्थियों के परिश्रम की प्रशंसा करते हुए उन्हें इस दिशा में सक्रिय रहना चाहिए| इस नाट्य-प्रस्तुति में विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने समाज में विधि एवं न्याय के महत्त्व को दर्शाने वाले चार नाटकों ,पिगमेलियन (जॉर्ज बर्नार्ड शॉ) ,ट्रायल बाई जूरी (डब्ल्यू एस. गिल्बर्ट और आर्थट टालिवन), ट्रायल बाई जूरी (डब्ल्यू एस. गिल्बर्ट व आर्थट टालिवन)और द बैकग्राउंड (एच.एच. मुनरो की कहानी का नाट्य-रूपांतरण) की प्रस्तुति की.
इन नाटकों के मंचन के प्रेरक प्रोफेसर डॉ. प्रसन्नान्शु थे. उनके मार्गदर्शन में इससे
पूर्व भी नाटकों का मंचन होता रहा है. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साहित्य को केवल
पढ़ा ही नहीं बल्कि जिया जाता है. विद्यार्थियों ने इसे सत्य सिद्ध कर दिया है. प्रोफेसर डॉ. प्रसन्नान्शु स्वयं श्रेष्ठ
लेखक एवं कवि हैं.
‘नेशनल ला यूनिवर्सिटी’ के सभागार में आयोजित इन नाटकों
को दर्शकों ने खूब सराहा.